Friday, 26 January 2018

हम कहते है संविधान कमजोर है !

आज देश ६९ वा गणतंत्र दिवस मना रहा है।  हमने इस अवसर पर नेटिव देशवाशियोंको बधाई दी है।  आज हम देख रहे है देश में ब्रह्मिणवादी ताकते सत्ता में है और पंडितवादी ताकते विपक्ष में है।  जो कूद को रिपब्लिकन , बहुजन , सर्वजन , दलित , हरिजन , अम्बेडकरी कहते है वे भी या तो ब्रह्मिणवादी खेमे के साथ नजर आ रहे है या पंडितवादी खेमे के साथ नजर आ रहे है।  पंडितवादी खेमा कह रहा है संविधान बचावो , रैली निकल रहा है , ब्रह्मिणवादी खेमा कर रह है तिरंगा रैली निकालो संविधान को कोई खतरा नहीं।  हम देख रहे है ब्रह्मिणवाद कायम है इस लिए उनको संविधान आज ठीक ठाक लगता है।  उधर ब्रह्मिणवादी संविधान बचाव कर रहे है ताकि पंडितवाद बचा रहे।  संविधान से ना ब्रह्मिणवाद को कोई खतरा है , नाही पंडितवाद को कोई खतरा है।  जो ख़तरा है वो तो उन गैर ब्राह्मण , गैर पंडित देश के ९७ % लोगो को है जो उन्हें इन ३ % ब्रह्मिणवादी , पंडितवादी से नहीं बचा पा रहा है।

ऐसी लिए हम कह रहे है संविधान को न ब्रामिनवादी ना ही पंडितवादी को ख़तरा है क्यों की वो देश की सब से बड़ी समस्या विदेशी ब्राह्मण , ब्राह्मण धर्म पर खामोश है।  हम ऐसे संविधान को कमजोर संविधान कहते है।  ऐसे कमजोर संविधान के होते , हम देश रहे है ब्रह्मिणवाद , पंडितवाद , मनुवाद , पेशवावाद , गोडसेवाद दिन बा दिन मजबूत होता जा रहा है , वर्णवाद , जातिवाद , छुवाछुत , ऊंचनीच उफान पर है , आप का वोट चुराया जा रहा है , लोकतंत्र की सभी स्थम्ब बिक चुके है , मीडिया , एक्सक्यूटिव , चुनाव आयोग , कोर्ट सभी ब्रह्मिणवादी , पंडितवादी लोगो की जेब है।

जबरदस्ती दो पार्टी यानि ब्रह्मिणवादी बीजेपी , पंडितवादी कांग्रेस को ही देश में प्रायोजित किया जा रहा है।  कभी अंग्रेजो के ज़माने में दीवारों पर लिहने की आज़ादी थी वो छीन ली गयी है , आप कही खुले आम सभा नहीं कर सकते , आप अपने विचार नहीं रख सकते , हजारो पाबन्दी चाहे वे आर्थिक हो , क़ानूनी हो , सामाजिक हो कड़ी की जा रही है ताकि , गैर ब्राह्मण ९७ % लोग खड़े ना हो सके , अपनी पोलिटिकल पार्टी न चला सके , निर्भय होकर मतदान ना कर सके।  क्या इस स्थिति में हम संविधान को कमजोर ना कहे ?

संविधान विदेशी ब्रह्मिनोको बचा रही है , उनके देश के ९० %  संसाधन पर कब्जे को बचा रही है। है कोई प्रावधान जो कहता है विदेशी ब्राह्मण को वोट का अधिकार नहीं , संपत्ति का अधिकार नहीं ?

अब सवाल ये है की ऐसे स्थिति में नेटिव लोग क्या करे ?

हमने कहा है नेटिविज़्म हमारा गुरु है , नेटिव हिंदुत्व हमारा मार्गदशन।  जरा सोचो अगर हम नॉन ब्राह्मण है , नेटिव है तो हिंदुस्तानी है।  हिन्दू है चाहे हमारा धर्म कोई भी हो , हम हिन्दू है।  हिन्दू वोही , जो ब्राह्मण नहीं।  यह वो मंत्र है जो आप को ब्रह्मिणवादी , पंडितवादी ताकतों से आज़ादी दिलाएगी।  हमें १००० नेटिविस्ट देने होंगे , जो १०००००० नेटिव लोगो का प्रतिनिधित्व करेगा और जल्दी ही नेटिव रूल लाएगा , हम कहते है विदेशी ब्राह्मण भारत छोडो क्यों की हमारे पूर्ण आज़ादी से बड़ा कुछ नहीं ,

नेटिविस्ट डी.डी.राउत ,
अध्यक्ष
नेटिव रूल मूवमेंट

देश को सन्देश ;  जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो  

Saturday, 20 January 2018

अफूचा गोळी म्हणा , राजकारण म्हणा , पण हिंदू हाच परिवर्तन करणार

जर हिंदू हिंदुस्थानी  गैर ब्राह्मण बहुसंख्य लोकांचा वास्तविक  धर्म नसता तर अप्ल्पसंख्याक वैदिक ब्राह्मण धर्मी लोकांना विजयाप्रत राजकारण करता आले असते का ? होय हिंदू म्हणजे राजकारण , पण हमखास विजय मिळवून देणारे राजकारण , ते विदेशी ब्राह्मीनाना कळले , धर्म म्हणजे अफूची गोळी , होय खरे आहे , ते विदेशी ब्राह्मीनाना कळले मात्र ते अफूच्या गोळी चे उदाहरण , हिंदू धर्म हे राजकारण म्हणणाऱ्या महाभागांना कळले नाही हे विस्मय कारक दुर्भाग्यच होय .
आम्ही हिंदुस्थानी आहोत , हिंदू आहोत या बद्दल वादा चे काही कारण नाही , आमचा धर्म हिंदू आहे तो विदेशी  ब्राह्मीनाचा नाही . ब्राह्मीनाचा वैदिक ब्राह्मण धर्म होय ते तो नाकारत नाही आणि सोडायला तयार नाही .मग आमचा धर्म कोणता ? हिंदूच ! मग हा हिंदू धर्म कुठे सांगितलं आहे ? एवढाच विचार करायला हवा . हा हिंदू धर्म कबीरांनी त्यांच्या वाणीतून सांगितलं आहे जो होता , लोप पावला होता , तोच सांगितला . त्यालाच आंबेडकरांनी हिंदू कोडे बिल मध्ये विधी दिली . विधी म्हणजे कानून . हिंदू धर्म आहे ,विधी आहे , लोक आहेत , देश आहे आणि महत्व चे म्हणजे ते बहुसंख्य आहेत , नव्या युगात , लोकशाही राज्य म्हणजे , बहुमताचे राज्य ज्या द्वारे , संविधान बनविता येते . न्याधीश नेमता येतात ,दैनंदिन कार्यासाठी , कानून बनविता येतात , धर्म व तो काय आहे हे ठरविता येते . हेच हिंदू राजकारणनारे करता येते कारण आज आपण लोक शाहीत जगतो आहोत हा विचार डोक्यातt ठेवून काम केले , हिंदू धर्म समजून घेतला , ब्राह्मण धर्म वेगळा आहे हे तर निर्विवाद सत्य आहेच , मग हे करायला नका का ? हिंदू म्हणजे परिवर्तन ला आवश्यक असणारी ताकत , हि ताकत नाकारून तुम्ही पुढे जाऊ शकत नाही आणि आता तर मुळीच नाही कारण आता हिंदू कोडे बिल हिंदू विधी , कानून  च्या रूपाने कायम झाले आहे , आता हिंदू चा धर्म ग्रंथ कोणता तर बीजक शिवाय उत्तमग्रंथ  कोणता असू शकतो ? सर्व ग्रंथ कुठे ना कुठे विदेशी ब्राह्मीनानी भेसडा करून वर्ण , जाती , भेदाभेद आई चे समर्थन केले आहे , जो शुद्ध आहे तो कबीर चा बीजक होय . त्यालाही नाकारले तर हा देश मेलाच म्हणून समजा .  विदेशी ब्राह्मीनांचे फावताच राहणार आणि गैर ब्राह्मण सव बोंबलातच राहणार . अफूची गोळी म्हणा , राजकारण म्हणा पण , नेटिव्ह हिंदुत्व , नेटीव्हीसम शिवाय गत्यंतर नाही , दुसरा मार्ग नाहीच , धर्मांतर, जाती जोडो , सब बकवास .  बेकार है हेच खरे !

नेटिविस्ट डी डी राऊत
अध्यक्ष
नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट  

Wednesday, 17 January 2018

हम चुनाव और प्रचार आप पर ही छोड़ देते है !
ब्राह्मण धर्म : ग्रन्थ वेद , कानून मनुस्मृति
हिन्दू धर्म ; ग्रन्थ बीजक , कानून हिन्दू कोड बिल
ब्राह्मण धर्म ; प्रारंभ ; ब्राह्मण लोक , ब्रह्म्हा, हिंदुस्तान के बहार
हिन्दू धर्म ; प्रारंभ ; हिन्दू लोक , , शिव , हिंदुस्तान के आदिवासी
ब्राह्मण धर्म : भेद , वर्ण , जाती , छुवाछुत , जनेऊ , होम हवन , ब्राह्मण
हिन्दू धर्म : वेद , वर्ण , जाती , ऊंचनीच , ब्राह्मण , जनेऊ आदि कुछ नहीं
ब्राह्मण धर्म ; देवता -बलात्कारी ब्रह्मा , विष्णु , इंद्रा , रूद्र , सोम ,ब्राह्मण
हिन्दू धर्म : देवता - गैर ब्राह्मण शिव , राम , क्रृष्ण, कबीर साई , हिन्दू
ब्राह्मण धर्म ; उत्पत्ति - विदेशी
हिन्दू धर्म :उत्पत्ति - स्वदेशी
ब्राह्मण धर्म : लोक संख्या - हिंदुस्तान में ३ पैर सेण्ट
हिन्दू धर्म : लोक संख्या - हिंदुस्तान में ९७ पैर सेण्ट
ब्राह्मण धर्म, लोक , संस्कृति विदेशी होने के प्रमाण - तिलक , नेहरू , भंडारकर , डांगे , फुले ,
हिन्दू धर्म, लोक , संस्कृति स्वदेशी होने के प्रमाण - हिन्दू सिंधु संस्कृति ,हिन्दू लोक धर्म , गैर ब्राह्मण आदिवासी
अब आप ही सोचिये और बताईये आप को कोण सा धर्म चाहिए ?
स्वदेशी, हिंदुस्तानी , कल्याणकारी , समतावादी , भाईचारा वाला सत्य शिव ,सुन्दर हिन्दू धर्म ?
या
विदेशी , बलात्कारी , भेदभाववाला , जाती , वर्णवादी , ऊंचनीच , अस्पृश्यता मानाने वाला, गैर बराबरी का पुरस्कार करने वाला अमानवीय ब्राह्मण धर्म ?
हम चुनाव और प्रचार आप पर ही छोड़ देते है !
नैविस्ट डी.डी.राउत ,
अध्यक्ष
नेटिव रूल मूवमेंट

Tuesday, 16 January 2018

Native Hero Award - 2019

२०१९  जनुअरी  २६  को  नागपुर  में दिया  जाएगा  ५  लोगो  को  नेटिव  हीरो  अवार्ड  .

नेटिविज़्म  ,  नेटिव हिंदुत्व ,  नेटिव इतिहास  , नेटिव साहित्य और नेटिव शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले गैर ब्राह्मण  नेटिव लोगो को रोख रुपये २००० , नेटिव हीरो  मानपत्र , रेलवे का सेकंड क्लास का भाड़ा , २ दिन रहने का खर्चा सब नेटिव रूल मूवमेंट वहां करेगा।

३ नेटिव रूल मूवमेंट से जुड़े नेटिविस्ट का पैनल आने वाले नामो में से यह ५ व्यक्ति का चुनाव करेंगे।

नामांकन कोई भी गैर ब्राह्मण निम्न ईमेल पर नामांकित व्यक्ति का डिटेल और अपना डिटेल , एड्रेस , मो. नंबर , ईमेल भेज कर १५ अगस्त २०१८ तक कर सकते है।

ईमेल : Email : daulatraodomajiraut@gmail.com

नेटिविस्ट डी.डी.राउत ,
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट

     

Monday, 15 January 2018

हम अपनी विचार  सरणी नेटिविज़्म से प्रामाणिक है।

क्या गाँधी , आंबेडकर ने जय मार्क्स , जय मार्क्सवाद कहा ? नहीं।  क्या आंबेडकर ने जय गाँधी , जय गांधीवाद कहा ? नहीं।  क्या गाँधी ने जय आंबेडकर जय अम्बेडकरवाद कहा ? नहीं।  मार्क्स , गाँधी , आंबेडकर ये अलग अलग विचार सरणी है वैसे ही नेटिविज़्म एक अलग और स्वतंत्र विचार सरणी है।  हम अपनी विचार  सरणी नेटिविज़्म से प्रामाणिक है।  हम कहते है नेटिविज़्म हमारा गुरु है , नेटिव हिंदुत्व हमारा मार्गदर्शन !

नेटिविस्ट डी.डी.राउत ,
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट 

Friday, 12 January 2018

नेटिव हिन्दू धर्म का रंग है पीला , विदेशी ब्राह्मण धर्म का रंग है काला :

नेटिव हिन्दू धर्म का रंग पीला ,सोनेरी , सोने जैसा है पर विदेशी ब्राह्मण धर्म  का रंग है काला। विदेशी ब्राह्मण धर्मी आरएसएस का रंग भी सही मायने में और काम के हिसाब से काला ही है।

हिन्दू समाज , हिंदुस्तान , हिन्दू धर्म में पिले रंग का विशेष महत्त्व है।  सोना , सोने का रंग , हल्दी का नेचरल रंग पीला ही है यहाँ तक सूर्य के किरणे भी पिली आभा के होते है इस लिए हिन्दू सूर्य उपासक भी है और हल्दी का प्रयोग शुभ या मंगल कार्य में अनिवार्य है।  हिन्दू जब शादी करते है तो हल्दी का कार्यक्रम किया जाता है जिस में सभी भाग लेते है।  दूल्हे , दुल्हन को शादी के पहले हल्दी लगायी जाती है उन्हें हिन्दू बनाया जाता है।  शिव भक्त भी हल्दी का भंडारा यानि माथे पर तिलक लगते है , औरते भी हल्दी और सूखे हल्दी से तैयार कुमकुम का प्रयोग अपने शादी शुदा , ग्रहस्ती होने के कारण कराती है और आने जाने वाली शादीशुदा औरतो को हल्दी कुमकुम लगा कर उनके सौभाग्य की मंगल कामना करती है।  साउथ में पीला धागा सौभाग्य का प्रतिक है जो शादीशुदा महिलाये पहनती है और जो महिलाये मंगल सूत्र पहनी है वह भी काम से काम दो सोने के मणि जो पिले होते है जरुरी होता है।

हमारे हिन्दू भाई जब महादेव अर्थात भोले शिवशंकर की यात्रा को जाते है तब भी उनके झोले का रंग पीला ही होता है जिसे खरी कहा जाता है।

पीताम्बर , पिले रंग की धोती खास आयोजन पर हिन्दू पहनते है।  कुछ बुद्धिस्ट , जैनी , सिख भी अब उनके रंग के साथ पीला रंग पसंद करते है जिसे बुद्धिस्ट भगवा , जैन सफ़ेद , सिख नीला और उसके साथ पीला भी।

विदेशी ब्रह्मिन जो केवल होम हवं और जनेऊ में विश्वास करते है वे प्राणी हत्या , बलि के साथ साथ जानवरो के आंत यानि अतड़ी की जनेऊ पहनते थे वे हिंदुस्तान में आकर कपड़ा पहना ना सीखे और बाद में हमने जो कपास का धागा बनाया उसे जनेऊ कर के अपना लीये पर अब भी जनेऊ गैया काट  कर ही निकाला जाता है।

ब्राह्मण  धर्म  काले  विचारो  के  कारण  काला  धर्म  माना  जाता  है

नेटिविस्ट  डी.डी.राउत
प्रचारक
सत्य हिन्दू धर्म सभा

देश के लिए सन्देश ; जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो